बेजुबा हूँ मै ये सबको बताते क्यों हो
चोट तुमने दिया है दिखाते क्यों हो
कहते हो तुम ही मेरे सब कुछ हो
फिर गैरो से नजरे मिलाते क्यों हो |
खता गर मुझसे हुई है तो खुल के कहो
चोट मैंने दिया है तो खुल के कहो
तुमको मेरा गैरो से बात करना दिखता है
गर लगता हु बेवफा मै तुम्हारी नजरो में
नजरे न चुराओ खुल के कहो |
दिल की कलम से ....|