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बेजुबा हूँ मै ये सबको बताते क्यों हो

 बेजुबा हूँ मै  ये सबको बताते क्यों हो 

चोट तुमने दिया है दिखाते क्यों हो 

कहते हो तुम ही मेरे सब कुछ हो 

फिर गैरो से नजरे मिलाते क्यों हो |



खता गर मुझसे हुई है तो खुल के कहो 

चोट मैंने दिया है तो खुल के कहो 

तुमको मेरा गैरो से बात करना दिखता है 

गर लगता हु बेवफा मै तुम्हारी नजरो में 

नजरे न चुराओ खुल के कहो |

दिल की कलम से ....|


रात के स्याह अँधेरे में बैठ कर







रात के स्याह  अँधेरे में बैठ कर 
सोचा  कुछ यु जिंदगी के सफ़र  का  किनारा कहा है |

हम तो चले थे तेरा हाथ पकड़कर ओ हम सफ़र 

मंजिल तो यही है पर मुसाफिर कहा है |

प्यार तो अब गुमनाम सा रहा 
जिन्दगी जीने का सलीका कहा है 


 दिल की कलम से ........|



क्यू है उदास मन मेरा हा है उदास मन मेरा

                                                      



क्यू है उदास मन मेरा हा है उदास मन मेरा
उस पागल प्रेमी की याद में विचित्र है मन मेरा
क्यू है उदास मन मेरा
हा है उदास मन मेरा

जो छोड गया दिल तोड गया
कैसे बताए उसकी ब्यथा बेबस मन मेरा
क्यू है उदास मन मेरा
हा है उदास मन मेरा

आज धड़कनो में है उमंग 
दिल के किसी कोन में है उसके छोड जाने का गम
यही सोच कर बैठा सा जाए पागल ये दिल मेरा
क्यू है उदास मन मेरा
हा है उदास मन मेरा

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