बेटियां 





बोझ समझा जाता है जिन्हें 
वो घर की रौनक है बेटियां 
प्यार और ममता की मूरत है बेटियां.............! 


माँ के घर की साथी
और बाप के सर का ताज है बेटियां 
फूलो की तरह मुस्कुराती 
कलियों से भी नाजुक है बेटियां ..............!


हर जिम्मेदारी को निभाती 
बेटों से भी ताकतवर है बेटियां 
सबकी परवाह करती 
समाज की नींव है बेटियां ........................!


मत रुलाओ उनको ये ज़माने वालो 
तुम्हारी तरह नहीं खुदगर्ज है बेटियां .............!



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