मंजिल 

चलना हमारी किस्मत है 
बस चलता जाऊंगा 
खुद पुकारेगी मंजिल तो रुक जाऊंगा 
नहीं तो मौत की आगोश में बस सो जाऊंगा .................!


जाना कहा था और  कहा आ गए
राह में रखे पत्थर से टकरा गए
सोचा था हमेशा खुश रहेंगे तेरे जाने के बाद
पर पता चला तेरे जाने के बाद 
हम तो और अँधेरे में आ गए .................!


कितना घना है अँधेरा 
दिखता नहीं है सवेरा 
न कोई मंजिल न कोई रास्ता 
बस ना उम्मीदी ने है घेरा ....................!


सांसे रुक जाये तो कोई बात नहीं 
दिन भी ढल जाये तो कोई बात नहीं 
हर दिन एक बस मेहनत और कोई है आगे बढने की 
अब मौत भी आ जाये तो कोई बात नहीं ............!







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